AR Rahman 56th Birthday:राग का सम्राट ए.आर. रहमान

A.R Rahman
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नमस्कार दोस्त आपका स्वागत है The Factual Fuse के एक और नए लेख में, मैं Chimi आपका स्वागत करता हू हमारी पूरी The Factual Fuse की टीम की ओर से। नमस्कार दोस्तों मुझे आपको बताते हुए बहुत ही खुशी हो रही है कि आज 6 January 2024 दिन शनिवार को हम सब के चहिते म्यूजिक राइटर एंड कंपोज़र AR RAHMAN जी का 56वा जन्मदिन हैं। इस लेख में हम रहमान जी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें बताएंगे तो बने रहिए हमारे साथ और पढते रहिए।

A.R Rahman का बचपन

AR Rahman जी का असली नाम A.S Dilip Kumar हैं ।उनका जन्म 1967 में चेन्नई, भारत में हुआ था। संगीत उनके परिवार और रूह का अभिन्न अंग था। उनके पिता, R. के Shekhar , एक प्रसिद्ध फिल्म संगीतकार थे, जिन्होंने अपने पुत्र की प्रतिभा को बहुत ही कम उम्र में पहचान लिया था। बताया जाता है कि मात्र चार साल की उम्र में जब एक साधारण शिशु पूर्ण रूप से अपने माता पिता पर आश्रित रहता है तब Rahman पियानो की चाबियों पर जादू बुन रहे थे, और नौ साल की छोटी सी उम्र में ही उन्होंने अपना पहला जिंगल बना लिया था।

A.R Rahman School life

स्कूली शिक्षा रहमान के लिए रूढ़िवादी थी, लेकिन संगीत उनकी स्वतंत्र आत्मा का पनाहगार था। उन्होंने अपने असली गुरु रिकॉर्डिंग स्टूडियो और कॉन्सर्ट हॉल में पाए, जहाँ अनुभवी संगीतकारों ने उन्हें तराशा। एक निर्णायक मोड़ तब आया जब वे पंडित रवि शंकर से मिले। एक प्रतियोगिता में, जब कोई भी प्रतिभागी उस्ताद को प्रभावित नहीं कर पाया, तब एक शर्मीले रहमान ने आगे कदम बढ़ाया। उन्होंने अपनी आत्मरचना कर्नाटक रचना को बजाया, जिसने पंडित रवि शंकर को स्तब्ध कर दिया और उन्हें “चमत्कार” घोषित किया।

A.R Rahman Film Industry मे Debut

रहमान ने कम बजट की तमिल फिल्मों के लिए संगीत रचना करना शुरू किया, जिसमें उन्होंने अपना अनूठा मिश्रण पेश किया। 1992 में मणि रत्नम की “रोजा” ने उनकी जिंदगी बदल दी। रहमान का स्कोर, पूर्व और पश्चिम का एक आश्चर्यजनक संलयन, तुरंत सनसनी बन गया।

“छिन्ना रोजा” और “दिल ही दिल में” जैसे गीतों ने भारतीय सिनेमा का परिदृश्य हमेशा के लिए बदल दिया। वहां से उनकी यात्रा उपलब्धियों का एक सिम्फनी बन गई। उन्होंने हॉलीवुड ब्लॉकबस्टर “स्लमडॉग मिलियनेयर” और “127 ऑवर्स” के लिए संगीत दिया, दो अकादमी पुरस्कार और दो गोल्डन ग्लोब जीते। उनका संगीत एक वैश्विक घटना बन गया, संस्कृतियों को जोड़ रहा है और दुनिया भर के दर्शकों के साथ प्रतिध्वनित हुआ।

A.S Dilip Kumar क्यू बने AR Rahman

AR Rahman Birthday

इस सब की शुरुआत तब हुई जब दिलीप के पिता कैंसर से जीवन मृत्यु की लडाई लड़ रहे थे तब वे पहली बार इस महान सूफ़ी संत से मिले। जिन्होंने दिलीप के जीवन को बहुत ही प्रभावित किया। दिलीप के पिता के अंतिम दिनों में सूफ़ी संत ने उनके पिता की खूब सेवा व इलाज किया।

सूफ़ी संत के साधारण जीवन और उच्च विचारो से दिलीप इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया। दिलीप धर्म परिवर्तन से पहले अपना नाम बदलना चाहते थे क्युकी दिलीप कुमार नाम उनकी पर्सनैलिटी और प्रोफेशन से मैच नहीं करता था। इसी बीच दिलीप की माँ उनकी बहन की शादी के लिए उनकी कुंडली एक ज्योतिष के पास ले कर गयी वही उन्होंने दिलीप के नाम बदलने वालीं इच्छा व्यक्त की तब उन हिन्दू ज्योतिष ने उन्हें दो नामओ का सुझाव दिया

जिसमें से दिलीप को रहमान नाम पसंद आया और माता के कहने पर उन्होंने रहमान के साथ अल्लाह रक्खा जोड़ कर अपना नाम अल्लाह रक्खा रहमान यानी AR Rahman कर लिया।

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